रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
नवाबगंज (गोंडा), 28 अक्टूबर 2025:
जनपद गोंडा के थाना नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम उमरिया में आज “बहू-बेटी सम्मेलन” के रूप में मिशन शक्ति अभियान 5.0 का विशेष आयोजन हुआ। इस मौके पर महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम की अगुवाई थानाध्यक्ष श्री अभय सिंह के नेतृत्व में म०उपनि अंतिमा सिंह तथा मिशन शक्ति / एंटी रोमियो टीम — म०आ० रोशनी देवी, म०आ० प्रांशी यादव, म०आ० अर्चना सिंह और म०आ० खुशबू यादव — ने की।
उत्तर प्रदेश शासन और पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जायसवाल के दिशा-निर्देशन में, अपर पुलिस अधीक्षक श्री राधेश्याम राय तथा क्षेत्राधिकारी डा० उमेश्वर प्रभात सिंह के मार्गदर्शन में चल रहे “मिशन शक्ति 5.0” का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं के प्रति हो रहे अपराधों जैसे छेड़छाड़, उत्पीड़न, दहेज, बाल अपराध और एसिड अटैक आदि की रोकथाम करना है।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को बताया गया कि अब हर थाना स्तर पर “मिशन शक्ति केंद्र” स्थापित किए जा रहे हैं, जहाँ किसी भी महिला या बालिका को सुरक्षा, कानूनी सलाह और मदद एक ही स्थान पर मिल सकेगी। सम्मेलन में मौजूद टीम ने हेल्पलाइन नंबरों की विस्तृत जानकारी दी —
112 (आपातकालीन सेवा), 1090 (वीमेन पावर लाइन), 181 (महिला हेल्पलाइन), 1098 (चाइल्डलाइन), 1076 (मुख्यमंत्री हेल्पलाइन), 102 (स्वास्थ्य सेवा), 108 (एम्बुलेंस सेवा) और 1930 (साइबर हेल्पलाइन)।
मौके पर मिशन शक्ति टीम ने महिलाओं को पम्पलेट भी वितरित किए, जिनमें आत्मरक्षा के उपाय, हेल्पलाइन डिटेल्स और साइबर सुरक्षा की जानकारी शामिल थी। कार्यक्रम का माहौल बेहद प्रेरणादायक रहा — कई महिलाओं ने खुलकर अपने अनुभव साझा किए और कहा कि इस अभियान ने उनमें आत्मविश्वास और हिम्मत दोनों बढ़ाई है।
सम्मेलन के दौरान एक संवादात्मक सत्र भी हुआ जिसमें महिलाओं ने सवाल पूछे — जैसे “अगर शिकायत के बाद मदद न मिले तो क्या करें?” और “ऑनलाइन उत्पीड़न की रिपोर्ट कहाँ करें?” मिशन शक्ति टीम ने हर प्रश्न का सरल भाषा में जवाब दिया और महिलाओं को भरोसा दिलाया कि हर शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होगी।
थानाध्यक्ष श्री अभय सिंह ने कहा कि “मिशन शक्ति 5.0 केवल सरकारी योजना नहीं बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है। इसका लक्ष्य है कि हर बेटी, हर महिला खुद को सुरक्षित और समर्थ महसूस करे।” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस अब केवल शिकायत सुनने वाली संस्था नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा में सक्रिय भागीदार बन चुकी है।
यह सम्मेलन इस बात का प्रमाण है कि जब समाज, पुलिस और प्रशासन एक साथ काम करें तो बदलाव संभव है। मिशन शक्ति अभियान अब गाँव-गाँव में महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण बन चुका है। उमरिया जैसी ग्रामीण बस्तियों में ऐसी पहल से न केवल महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है, बल्कि अपराध-रोकथाम की दिशा में ठोस कदम भी उठाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में मिशन शक्ति टीम ने सभी महिलाओं से अपील की कि वे इन हेल्पलाइन नंबरों को अपने मोबाइल में सेव करें और ज़रूरत पड़ने पर बिना हिचकिचाहट के उनका उपयोग करें। साथ ही यह भी बताया गया कि साइबर अपराध बढ़ने के इस दौर में हेल्पलाइन 1930 का इस्तेमाल तुरंत मदद पाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
“हम सबका एक ही मकसद है — हर बेटी सुरक्षित रहे, हर माँ निडर रहे, और हर महिला आत्मनिर्भर बने,” — यह संदेश पूरे सम्मेलन में गूंजता रहा।
नवाबगंज पुलिस की यह पहल न केवल मिशन शक्ति 5.0 की सफलता को दिखाती है, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को भी मज़बूती से स्थापित करती है।
“मैं सुरक्षित हूँ, मैं समर्थ हूँ, मैं मिशन शक्ति हूँ।” — यही थी इस सम्मेलन की असली भावना।