मायालक्ष्मी मिश्रा रायबरेली
रायबरेली, उत्तर प्रदेश।
डलमऊ तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस इस बार एक घरेलू और कानूनी मामले का गवाह बना, जहां एक महिला ने अपने पति द्वारा दूसरी शादी रचाने की साजिश का खुलासा करते हुए न्याय की मांग की। शिकायतकर्ता विजय लक्ष्मी वर्मा ने खुलकर प्रशासन के सामने अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि उनके पति पंकज वर्मा, जो पेशे से लेखपाल हैं, रायबरेली के ही सताव गांव की एक महिला से दूसरी शादी करने की तैयारी में हैं, जबकि वह अब भी उनकी विधिवत विवाहित पत्नी हैं।
विजय लक्ष्मी वर्मा, जो कि रायबरेली जनपद के चक मलिक भीटी, थाना डलमऊ की निवासी हैं, ने बताया कि उन्होंने खुद सताव गांव जाकर तथ्यों की पुष्टि की और संबंधित महिला और उसके परिवार से बातचीत भी की। गांव के लोगों को उन्होंने यह बताया कि वह पहले से ही पंकज वर्मा की पत्नी हैं और इस तरह की दूसरी शादी पूरी तरह से अवैध है। इसके बावजूद उनके पति दूसरी शादी की कोशिश में लगे हैं और समाज और कानून दोनों को धोखा देने का प्रयास कर रहे हैं।
संपूर्ण समाधान दिवस के मंच पर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर की अध्यक्षता में हुई इस सुनवाई में कई शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन विजय लक्ष्मी वर्मा की शिकायत ने विशेष ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि कई बार अधिकारियों के चक्कर काटने के बावजूद उनकी बात नहीं सुनी गई, लेकिन इस बार जब उन्होंने मामले को क्षेत्राधिकारी डलमऊ के सामने रखा तो उन्हें गंभीरता से सुना गया और दो दिन के भीतर जांच कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया।
कानूनी दृष्टिकोण से देखा जाए तो हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार, जब तक पहली पत्नी जीवित है और तलाक नहीं हुआ है, तब तक दूसरी शादी अवैध मानी जाती है और यह भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। ऐसे में यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो आरोपी लेखपाल के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही निश्चित रूप से हो सकती है।
यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जिम्मेदारियों की भी परीक्षा है। एक सरकारी कर्मचारी द्वारा यदि कानून का उल्लंघन होता है, तो यह समाज में गलत संदेश भेजता है। यही कारण है कि यह मामला सोशल मीडिया और स्थानीय खबरों में तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों की सहानुभूति विजय लक्ष्मी के साथ दिखाई दे रही है।
इस खबर का मुख्य बिंदु यह है कि एक महिला, जिसने अपने वैवाहिक अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर आवाज उठाई, अब प्रशासनिक भरोसे की उम्मीद में है। यदि इस मामले में समय रहते उचित कार्रवाई की जाती है, तो यह न केवल विजय लक्ष्मी के लिए न्याय होगा, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।





