रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली। बेलाभेला ग्राम पंचायत के बाबा का पुरवा हनुमानगंज में हल्का लेखपाल और ग्राम प्रधान की कथित धमकियों से ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है। इस अन्याय के खिलाफ विश्व दलित परिषद के बैनर तले दर्जनों ग्रामीणों ने नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर जिलाधिकारी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। परिषद के अध्यक्ष राजेश कुरील की अगुवाई में पहुंचे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान विनय यादव और हल्का लेखपाल पंकज मौर्या आवासीय और कृषि पट्टे दिलाने तथा घरौनी बनवाने के नाम पर 20-20 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं। पीड़ितों के अनुसार, पैसे न देने पर उन्हें जमीन से बेदखली की धमकी दी जा रही है और राजस्व संहिता के तहत आरसी प्रपत्र-20 जारी कर जबरन हटाने की कोशिश की जा रही है।
ग्रामीण राजेन्द्र रैदास बाबा ने बताया कि ग्राम प्रधान के करीबी लोगों — राजेन्द्र यादव (फौजी), सुरेन्द्र यादव, दैनी यादव, शिवम यादव, लखन यादव और उनकी पत्नी — ने सरकारी गाटा संख्या 3797/1.157 हेक्टेयर भूमि पर जबरन कब्जा कर लिया है और वहां बस्ती बसाई जा रही है। विरोध करने पर दलित परिवारों को लाठी-डंडे और सरिए से पीटा गया तथा उन्हें डराया-धमकाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि वर्षों से बस्ती के रूप में प्रयुक्त हो रही है, जहां सरकारी कालोनियाँ और शौचालय भी बने हुए हैं। अधिकांश लोग दलित और पिछड़ी जातियों से हैं, जिनके पास जीविकोपार्जन के लिए पर्याप्त भूमि नहीं है। अगर प्रशासन द्वारा बेदखली की कार्रवाई की जाती है, तो ये परिवार खुले आसमान तले आ जाएंगे।
विश्व दलित परिषद के जिला नेता इन्द्र बहादुर यादव ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम प्रधान विनय यादव के पिता स्वर्गीय रामानंद यादव, जो एक समय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे, ने अपने प्रभाव और धनबल से तहसील प्रशासन की मिलीभगत से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे किए थे। उन्होंने बताया कि हमीरगांव स्थित भूमि गाटा संख्या 2923, 2928, 2929, 2930, 3419ख और 3420 जो सरकारी रिकार्ड में “मजटिया तालाब” और “बंजर भूमि” के रूप में दर्ज थीं, उन्हें अवैध रूप से पट्टे में दर्ज करा लिया गया। वर्तमान खतौनी में इन भूमि पर रामानंद यादव के वारिस — ओम प्रकाश, विनय कुमार, वीरेन्द्र कुमार और सुरेन्द्र कुमार — के नाम दर्ज हैं। इन्द्र बहादुर यादव ने कहा कि इन अवैध पट्टों की उच्चस्तरीय जांच कराकर निरस्त किया जाना जरूरी है, ताकि ग्राम समाज की भूमि वापस जनता के अधिकार में लौट सके।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान और लेखपाल की मिलीभगत से बेलाभेला पंचायत में भ्रष्टाचार और भय का वातावरण बना हुआ है। आम लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी धन उगाही का सामना करना पड़ता है। अगर कोई विरोध करता है, तो उसे झूठे मुकदमों में फँसाने और घर से उजाड़ने की धमकियाँ दी जाती हैं। इसी अन्याय के खिलाफ ग्रामीणों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
ज्ञापन देने वालों में रमेश गौतम, सुमन, कमला, रामदेव, राम निवास गौतम, राम कुमार, अमृत पासी और आशीष यादव सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि प्रशासन तुरंत जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे, ताकि निर्दोष गरीब और दलित परिवारों को राहत मिल सके।
ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो वे जिले के बाहर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। इस प्रकरण ने बेलाभेला पंचायत में हड़कंप मचा दिया है और लोग अब प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, इस पूरे मामले में जिला प्रशासन ने कहा है कि ज्ञापन प्राप्त हुआ है और शिकायतों की जांच कराई जाएगी।