रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली। जगतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में 23 सितंबर 2025 को एक विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुआ, जिसने ग्रामीणों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। “स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार” अभियान के तहत आयोजित इस शिविर में आठ विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं दीं और सैकड़ों लोगों को इलाज के साथ स्वास्थ्य परामर्श भी दिया।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. एल.पी. सोनकर की देखरेख में आयोजित इस शिविर की शुरुआत स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी संजीव गुप्ता ने की। उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि बदलती जीवनशैली और बढ़ती बीमारियों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं स्वस्थ होंगी तभी परिवार और समाज मजबूत बनेंगे।
शिविर में अलग-अलग क्षेत्रों के डॉक्टरों ने ग्रामीणों का परीक्षण किया। जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. संजय त्रिपाठी ने सामान्य बीमारियों की जांच की। दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. श्री गलराज ने दांत और मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं को देखा। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलजा ने आंखों की जांच की और ज़रूरतमंद मरीजों को उचित सलाह दी। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमानी रस्तोगी ने महिलाओं का परीक्षण कर उन्हें महिला स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी।
जनरल फिजिशियन डॉ. वानिया मिश्रा ने डायबिटीज, बीपी और हृदय रोग जैसी समस्याओं पर ग्रामीणों को मार्गदर्शन दिया। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार वर्मा ने हड्डियों और जोड़ों के दर्द की जांच की और सही खानपान व व्यायाम की सलाह दी। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार जायसवाल ने बच्चों की जांच की और अभिभावकों को पोषण व टीकाकरण से जुड़ी जानकारी दी।
सुबह से ही स्वास्थ्य केंद्र पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे। महिलाओं ने कहा कि महिला डॉक्टर की मौजूदगी से उन्हें खुलकर परामर्श लेने का मौका मिला। कई मरीजों ने यह भी बताया कि आर्थिक कारणों और समय की कमी की वजह से वे शहर नहीं जा पाते, ऐसे में यह शिविर उनके लिए बड़ी राहत लेकर आया है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन और हार्ट रेट की जांच भी की। ज़रूरतमंदों को मुफ्त दवाइयां दी गईं और स्वास्थ्य संबंधी पुस्तिकाएं भी बांटी गईं। ग्रामीणों ने इस तरह के शिविर नियमित आयोजित करने की मांग की ताकि समय पर इलाज और सही परामर्श उन्हें गांव में ही मिल सके।
इस शिविर ने यह साबित किया कि सरकारी प्रयासों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमवर्क से ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना संभव है। “स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार” अभियान ने गांवों में नई जागरूकता की लहर पैदा की है।







