रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली। जगतपुर थाना क्षेत्र के गांव छोटी भटौली और बिसनुपुर में इन दिनों जंगलों का अस्तित्व खतरे में है। यहां ठेकेदारों के हौसले इतने बुलंद हैं कि खुलेआम दिनदहाड़े अवैध कटान (Illegal Tree Cutting) किया जा रहा है और वन विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। 
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक, ठेकेदार रबी गोलू द्वारा छोटी भटौली गांव में महुआ, अर्जुन और हर्रा के कई पेड़ काट दिए गए। वहीं बिसनुपुर गांव में रबी यादव और सुशील पटेल नामक ठेकेदारों ने गुलर और शीशम के पेड़ बिना अनुमति के गिरवा दिए। यही नहीं, छोटी परारी गांव में ठेकेदार एस.पी. सिंह ने भी दबंगई दिखाते हुए गुलर, अर्जुन और हर्रा के पेड़ों पर आरा चलवा दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार गांव-गांव घूमकर नीम, शीशम और गुलर जैसे पेड़ों को काट रहे हैं, और जब कोई व्यक्ति इसका विरोध करता है तो उसे डराया-धमकाया जाता है। लोगों का आरोप है कि इन ठेकेदारों का थाना पुलिस और वन विभाग से गहरा रिश्ता है, इसी वजह से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। बताया जा रहा है कि अधिकारी मोटी रकम लेकर आंख मूंदे बैठे हैं और अवैध कटान का खेल खुलेआम चल रहा है।
ग्रामीणों द्वारा खींची गई तस्वीरें यह साबित करती हैं कि क्षेत्र में दर्जनों पेड़ काटे जा चुके हैं। जमीन पर गिरे ये पेड़ प्रशासनिक लापरवाही की गवाही दे रहे हैं। यह Illegal Logging Racket न सिर्फ पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि सरकारी तंत्र की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहा है।





