बड़े मंगल पर श्री गणेश्वर महादेव मंदिर में भव्य भंडारा, भक्ति और सेवा का अद्भुत संगम
रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली
रायबरेली: ज्येष्ठ मास के द्वितीय मंगलवार को बड़े मंगल के पावन अवसर पर रायबरेली की धार्मिक और सांस्कृतिक धरती एक बार फिर श्रद्धा, सेवा और भक्ति से सराबोर हो उठी। इस विशेष अवसर पर भारत विकास परिषद, शाखा रायबरेली के तत्वावधान में गणेश नगर स्थित प्राचीन श्री गणेश्वर महादेव मंदिर में संगीतमय सुंदरकांड पाठ, भावपूर्ण कीर्तन और विशाल भंडारे का आयोजन बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ।
भक्ति में डूबे नगरवासी, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
सवेरे से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुंदरकांड पाठ की गूंज और भजन-कीर्तन की मधुर ध्वनियों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। श्री हनुमान जी की विशेष कृपा के लिए ज्येष्ठ महीने के मंगल को श्रद्धालु विशेष व्रत, पूजन और भंडारे का आयोजन करते हैं, जिसे “बड़े मंगल” के रूप में मनाया जाता है — और यह उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश में अत्यंत श्रद्धा से मनाया जाता है।
सेवा और सहयोग में आगे रहे परिषद के सदस्य
भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव ने नगरवासियों और उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को बड़े मंगल की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और सबका स्वागत करते हुए परिषद की सेवा भावना को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ आयोजन नहीं, बल्कि समाज में भाईचारे, सेवा और संस्कारों का विस्तार करना है।”
कार्यक्रम संयोजक राकेश कक्कड़ ने सभी आगंतुकों, सहयोगियों और कार्यकर्ताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में सभी के योगदान को सराहा।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति बनी कार्यक्रम की शोभा
इस पावन आयोजन में परिषद के प्रांतीय उपाध्यक्ष नवल किशोर वाजपेयी, सचिव अजय त्रिवेदी, पूर्व अध्यक्ष गजानन खुबेले, उमेश अग्रवाल, राकेश मिश्रा, राजाराम मौर्य, महिला अध्यक्ष वाणी पांडेय, पूर्व महिला अध्यक्ष सीमा श्रीवास्तव, ऊषा त्रिवेदी, स्वीटा गुप्ता, विवेक सिंह, शिव कुमार गुप्ता, अंजुबाला मौर्य, मधु कक्कड़, डॉ. रवि मिश्रा, रीता मिश्रा जैसे कई गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
योगेश कक्कड़ और गौरव अवस्थी ने विशेष रूप से उपस्थित रहकर सेवा कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई और आयोजन को स्मरणीय बनाया।
विशाल भंडारे में प्रसाद ग्रहण कर भाव-विभोर हुए श्रद्धालु
कीर्तन और सुंदरकांड के उपरांत सजीव भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। आलू-पूड़ी, हलवा, बूंदी और पंचामृत जैसे पारंपरिक व्यंजनों की व्यवस्था अत्यंत स्वच्छता और भक्ति भाव से की गई थी। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई इस आयोजन में आनंदित दिखा |
निष्कर्ष:
यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक ऐसा सामाजिक मिलन स्थल बन गया, जहाँ श्रद्धा, सेवा और भाईचारे का सुंदर समागम देखने को मिला। भारत विकास परिषद, रायबरेली शाखा ने जिस तरह से आयोजन को सफल बनाया, वह न केवल अनुकरणीय है, बल्कि समाज में संस्कार और सेवा की भावना को भी प्रेरित करता है।