Kadak Times

गोंडा: मजार निर्माण स्थल पर दर्दनाक हादसा, मिट्टी धंसने से तीन मजदूरों की मौत, एक गंभीर

Share this news

गोंडा: मजार निर्माण स्थल पर दर्दनाक हादसा, मिट्टी धंसने से तीन मजदूरों की मौत, एक गंभीर

गोंडा (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के छपिया थाना क्षेत्र के पिपरा माहिम गांव में बुधवार रात एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। मजार निर्माण के दौरान नींव की खुदाई करते समय मिट्टी का बड़ा हिस्सा ढह गया, जिसकी चपेट में आकर चार मजदूर दब गए। इस हादसे में तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

हादसे का पूरा घटनाक्रम

गांव में स्थित एक धार्मिक स्थल – मासूम-ए-मिल्लत मजार का निर्माण कार्य चल रहा था। बुधवार रात को नींव की खुदाई जेसीबी मशीन से की जा रही थी। जैसे ही मशीन से मिट्टी हटाई जा रही थी, अचानक एक ओर की मिट्टी कमजोर होकर ढह गई।

इस हादसे में फरजान रजा, शकील मोहम्मद, अशद (तीनों निवासी पिपरा माहिम) और फकीर मोहम्मद (निवासी रजवापुर, थाना मनकापुर) दब गए। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए खुद राहत कार्य शुरू किया और चारों को बाहर निकाला।

स्वास्थ्य केंद्र में लाए गए सभी मजदूर

घायलों को तुरंत पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सादुल्लाहनगर (Sadullahnagar CHC) लाया गया, जहां डॉक्टरों ने शकील मोहम्मद, अशद और फकीर मोहम्मद को मृत घोषित कर दिया। गंभीर रूप से घायल फरजान रजा को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेज दिया गया।


गांव में मातम का माहौल

इस दुर्घटना के बाद से पूरे गांव में शोक की लहर है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। यह हादसा तब हुआ जब सभी मजदूर धार्मिक आस्था से जुड़ी एक मजार के निर्माण कार्य में लगे हुए थे।

प्रशासन ने की पुष्टि, जांच शुरू

छपिया थाने के प्रभारी ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और मलबे की पूरी जांच करवाई जा रही है।


सुरक्षा उपायों की खुली पोल

यह हादसा निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करता है। मजार जैसे धार्मिक स्थल का निर्माण हो रहा था, लेकिन वहां कोई सुरक्षा घेरा, वर्किंग हेलमेट, या इमरजेंसी व्यवस्था नहीं दिखाई दी। जेसीबी से खुदाई करना एक आम बात हो सकती है, लेकिन बिना सही गहराई का आंकलन किए, खुदाई करना खतरनाक साबित हुआ।


कौन जिम्मेदार?

इन सवालों के जवाब मिलना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।


मजदूरों की सुरक्षा की अनदेखी

भारत में अब भी कई निर्माण स्थलों पर काम कर रहे मजदूरों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिलती। कंस्ट्रक्शन साइट एक्सीडेंट्स (Construction Site Accidents) हर साल सैकड़ों जानें ले लेते हैं, फिर भी सुरक्षा उपायों को गंभीरता से नहीं लिया जाता।


लोगों की मांग: दोषियों पर कार्रवाई हो

गांव के लोगों ने मांग की है कि लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए। साथ ही प्रशासन से अनुरोध किया गया कि निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए विशेष टीम बनाई जाए।


निष्कर्ष:

गोंडा का यह हादसा न सिर्फ एक स्थानीय घटना है, बल्कि एक गंभीर संदेश भी देता है – बिना सुरक्षा के कोई निर्माण कार्य न किया जाए। चाहे वो धार्मिक स्थल हो या निजी भवन, मजदूरों की जान की कीमत पर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।

यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि जब तक हम सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता नहीं देंगे, तब तक ऐसे हादसे यूं ही होते रहेंगे।


#GondaAccident #UPNewsHindi #MazaarConstruction #ConstructionSafetyIndia #BreakingNewsGonda #JCBAccident #WorkerDeathUP #TrendingNewsHindi #GondaTodayNews


Share this news
Exit mobile version