
रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश
गोंडा, 22 जून 2025
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में अपराध पर नकेल कसते हुए मनकापुर थाना पुलिस ने एक संगठित चोरी की घटना का सफलतापूर्वक खुलासा किया है। चोरी की यह वारदात 19 जून की रात ग्राम जैदवा में स्थित कंपोजिट विद्यालय, एएनएम सेंटर और कूड़ाघर में हुई थी, जहां से अज्ञात चोर लोहे के गेट काटकर ले गए थे।
इस घटना के बाद स्थानीय स्तर पर आक्रोश और चिंता का माहौल था, क्योंकि सरकारी परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे थे। ग्राम प्रधान सुमन देवी पत्नी रामअचल द्वारा दी गई लिखित शिकायत के आधार पर थाना मनकापुर में अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई थी।
जैसे ही मामला पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जायसवाल के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल इसकी जांच के आदेश दिए। अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) मनोज कुमार रावत एवं क्षेत्राधिकारी मनकापुर उदित नारायण पालीवाल के पर्यवेक्षण में थाना मनकापुर पुलिस की एक टीम गठित की गई।
टीम को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली कि चोरी गए गेटों को बेचने की कोशिश की जा रही है। इस सूचना पर गंभीरता से कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कसैला रोड स्थित गन्ना क्रय केंद्र के पास दबिश दी। मौके से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान उन्होंने तीसरे साथी का नाम बताया, जिसे बाद में पकड़कर गिरफ़्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए तीनों अभियुक्तों की निशानदेही पर चोरी किए गए सभी पांच लोहे के गेट बरामद कर लिए गए।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम इस प्रकार हैं:
- अंकित उर्फ विजय पुत्र जुगनू, निवासी कठईया, थाना कोतवाली मनकापुर
- बाल किशुन पुत्र रूपे यादव, निवासी सोनारपुरवा, थाना मनकापुर
- ओमकेश्वर पुत्र मुक्तिनाथ पांडेय, निवासी झिलाही बाजार, थाना मनकापुर
इनके खिलाफ थाना मनकापुर में मुकदमा संख्या 278/2025, भारतीय दंड संहिता की धारा 303(2), 317(2)/317(5) बीएनएस के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है।
बरामद माल: पुलिस ने इनके कब्जे से कुल पांच लोहे के गेट बरामद किए हैं, जिनमें एक हरे रंग का गेट स्कूल का है और अन्य दो काले रंग के हैं।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में शामिल अधिकारी:
- उपनिरीक्षक प्रेमचंद्र चौबे
- हेड कांस्टेबल प्रभाकर चौधरी
- हेड कांस्टेबल संदीप यादव
- हेड कांस्टेबल राजू सिंह
- कांस्टेबल सत्यवीर सिंह
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों को विधिक कार्यवाही पूर्ण कर न्यायालय भेजा गया है। इस कार्रवाई से एक बार फिर यह प्रमाणित हुआ है कि गोंडा पुलिस अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पूरी तरह से सतर्क और प्रतिबद्ध है।
जनता में पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना:
इस मामले के सफल खुलासे के बाद स्थानीय नागरिकों ने पुलिस की तत्परता की सराहना की है। लोगों का कहना है कि सरकारी भवनों की सुरक्षा को लेकर भविष्य में और ठोस कदम उठाए जाने चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
प्रशासन का सख्त संदेश:
पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जायसवाल ने बताया कि जनपद गोंडा में अपराध और अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं है। अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और क्षेत्र की शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह तत्पर है।
निष्कर्ष:
इस घटना ने यह तो स्पष्ट कर दिया कि चोर अब सरकारी परिसरों को भी निशाना बना रहे हैं, लेकिन गोंडा पुलिस की सजगता और त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर यह संदेश दे दिया है कि कानून के हाथ लंबे हैं और अपराध करने वाला कोई भी व्यक्ति पुलिस की पकड़ से बच नहीं सकता।