गोंडा पुलिस में बड़ी कार्रवाई: दो थाना प्रभारी लाइनहाजिर, एक पर रिश्वत मांगने तो दूसरे पर गंभीर लापरवाही का आरोप

Share this news

आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश
दिनांक: 26 जून 2025 | जनपद: गोंडा

गोंडा जिले में पुलिस प्रशासन ने दो थानाध्यक्षों पर कड़ी कार्रवाई की है। परसपुर और इटियाथोक थानों के प्रभारी निरीक्षकों को कर्तव्य में लापरवाही और संदिग्ध कार्यशैली के आरोपों में पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने तत्काल प्रभाव से लाइनहाजिर कर दिया है। दोनों ही मामलों में संबंधित अपर पुलिस अधीक्षकों को जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

परसपुर थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप

थाना परसपुर के प्रभारी निरीक्षक हेमंत कुमार गौड़ के खिलाफ हत्या के एक दर्ज मामले में जांच में देरी और रिश्वत मांगने की शिकायत सामने आई है। आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर केस को लंबित रखा और पीड़ित पक्ष से मामला आगे बढ़ाने के लिए पैसे की मांग की

इस शिकायत की जानकारी पुलिस अधीक्षक को मिली, जिसके बाद उन्होंने बिना किसी देरी के प्रभारी निरीक्षक को पुलिस लाइन में अटैच कर दिया और प्रारंभिक जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) को निर्देशित किया गया।

इटियाथोक थाना प्रभारी की संदिग्ध भूमिका

दूसरी कार्रवाई इटियाथोक थाने के प्रभारी निरीक्षक शेषमणि पांडेय के खिलाफ हुई है। जानकारी के अनुसार, 10-11 जून की रात थाना क्षेत्र में ट्रैक्टर और कार की टक्कर के बाद कार सवारों ने फायरिंग की घटना को अंजाम दिया, लेकिन इसकी कोई रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं की गई और न ही वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई।

इस पूरे घटनाक्रम को छुपाना और कानूनी प्रक्रिया पूरी न करना प्रभारी निरीक्षक की गंभीर लापरवाही और संदिग्ध भूमिका को दर्शाता है। इसी आधार पर पुलिस अधीक्षक ने उन्हें भी तत्काल लाइनहाजिर कर दिया और जांच की जिम्मेदारी अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) को दी गई है।

एसपी का साफ संदेश: लापरवाही बर्दाश्त नहीं

एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने दोनों मामलों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन सर्वोपरि है।
“अगर कोई अधिकारी अपने कर्तव्यों से विमुख होता है या भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

उनके इस कदम से साफ हो गया है कि जिले में अब कर्तव्य के प्रति लापरवाही और भ्रष्ट आचरण को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

स्थानीय प्रतिक्रिया: जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया

शहर में इन कार्रवाइयों को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे जरूरी कदम बता रहे हैं तो कुछ इसे और गहराई से जांचने की मांग कर रहे हैं।

स्थानीय निवासी राकेश वर्मा, जो पेशे से वकील हैं, कहते हैं, “अगर पुलिस अधिकारी ही न्याय के रास्ते में रुकावट बनें, तो समाज का संतुलन बिगड़ना तय है।”

वहीं रीता मिश्रा, एक सामाजिक कार्यकर्ता का मानना है कि, “एसपी ने साहसिक कदम उठाया है। यह संदेश जाएगा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह किसी पद पर हो।”

निष्कर्ष

गोंडा जिले में की गई यह कार्रवाई दिखाती है कि पुलिस प्रशासन अब केवल जवाबदेही की बात नहीं कर रहा, बल्कि उसे लागू भी कर रहा है। चाहे हत्या के मामले में देरी हो या फायरिंग जैसी गंभीर घटना को दबाना, ऐसे किसी भी व्यवहार को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अगर यह अनुशासन और जांच की प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रही, तो गोंडा जिला उत्तर प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बन सकता है।


Share this news
  • Related Posts

    वन माफिया के सामने क्यों बेअसर है वन विभाग? रायबरेली में हरे पेड़ों पर चल रही कुल्हाड़ी से पर्यावरण संकट गहराया

    Share this news

    Share this newsरिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स रायबरेली जनपद में इन दिनों जंगल नहीं, सवाल कट रहे हैं—और सवाल यह है कि आखिर दबंग वन माफियाओं…


    Share this news

    महराजगंज में OTS योजना ने बदली तस्वीर, बिजली बकाया निस्तारण के लिए शिविर में दिखा उत्साह

    Share this news

    Share this newsरिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स रायबरेली जिले के महराजगंज क्षेत्र में विद्युत विभाग की एकमुश्त समाधान योजना (OTS – One Time Settlement) लागू होते…


    Share this news

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *