रिपोर्टर: सुरेंद्र शर्मा, गोंडा
गोंडा में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए अमर किशोर बंबम को लेकर बीते कुछ दिनों से एक गंभीर मामला चर्चा में बना हुआ था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में उन्हें पार्टी कार्यालय के भीतर एक युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया। यह मामला धीरे-धीरे स्थानीय से निकलकर राज्य स्तर तक पहुंच गया, जहां आम जनता के साथ-साथ कई संगठनों ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
इस पूरे प्रकरण को सबसे पहले खुलकर उजागर करने का कार्य किया अवध केशरी ने, जिसके संस्थापक नीरत सिंह अवद केशरी हैं। संगठन ने इस मामले को गंभीरता से उठाया और कहा कि ऐसे व्यक्ति का न केवल भाजपा में, बल्कि किसी भी सार्वजनिक पद पर बने रहना समाज के लिए घातक है।
सोशल मीडिया पर उठी विरोध की लहर
इस पूरे प्रकरण को लेकर फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम सहित तमाम डिजिटल प्लेटफार्मों पर भारी विरोध देखने को मिला। #AmmarKishorBambam, #BJPGondaScandal, #YogiTakesAction जैसे हैशटैग्स ट्रेंड करने लगे। कई यूजर्स ने भाजपा से सीधी कार्रवाई की मांग करते हुए यह कहा कि यदि पार्टी को अपनी छवि और नैतिक मूल्यों की रक्षा करनी है, तो उसे अमर किशोर बंबम पर त्वरित निर्णय लेना होगा।
योगी सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया

अवद केशरी सेना द्वारा लगातार आवाज़ उठाने और जनता के विरोध के बाद, यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा। सरकार ने संज्ञान लेते हुए तुरंत प्रभाव से अमर किशोर बंबम को भाजपा जिलाध्यक्ष पद से हटाने का आदेश दिया और साथ ही उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर भाजपा की “Zero Tolerance Policy” की सराहना की जाने लगी।
अवद केशरी सेना ने जताया आभार
अवद केशरी सेना के प्रमुख नीरत सिंह अवद केशरी ने कहा,
“हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश नेतृत्व का आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने ऐसे चरित्रहीन व्यक्ति को न केवल पद से हटाया, बल्कि पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया। यह सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं है, यह उन सभी के लिए संदेश है जो सत्ता की आड़ में अनैतिकता फैलाते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय समाज को यह भरोसा देता है कि महिलाओं की गरिमा और सामाजिक नैतिकता की रक्षा के लिए पार्टी और सरकार दोनों सजग हैं।
समाज में गया सकारात्मक संदेश
यह कार्रवाई केवल राजनीतिक नहीं रही, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी बन गई। महिलाओं और युवाओं ने भी इस निर्णय का स्वागत किया। इससे यह संदेश गया कि सत्ता में होने का मतलब यह नहीं कि कोई भी कानून और समाजिक मर्यादाओं से ऊपर हो सकता है।
कानूनी कार्रवाई की भी मांग
हालांकि भाजपा द्वारा कार्रवाई की गई है, लेकिन अवद केशरी सेना ने मांग की है कि इस मामले में कानूनी दृष्टिकोण से भी जांच होनी चाहिए। यदि कोई अपराध हुआ है, तो उसके लिए सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसा दुस्साहस न कर सके।
राजनीतिक हलकों में हलचल
इस घटनाक्रम ने गोंडा सहित पूरे प्रदेश की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है। विरोधी दलों ने भाजपा पर तीखा हमला बोला, जबकि भाजपा समर्थकों ने इस निर्णय को नैतिकता और अनुशासन की जीत बताया।
निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि अब राजनीति में वही लोग टिकेंगे जिनका आचरण जनता के सामने पारदर्शी और मर्यादित हो। सोशल मीडिया और जनजागरण के दौर में कोई भी गलती अब छिप नहीं सकती। जनता सजग है, संगठन सक्रिय हैं और सरकार भी अब त्वरित प्रतिक्रिया देने को मजबूर है।