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गोंडा में इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण में गड़बड़ी पर जिलाधिकारी का बड़ा फैसला, घटिया कार्य उखाड़ने और भुगतान में कटौती के आदेश

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रिपोर्टर: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ – उत्तर प्रदेश

गोंडा, 23 जून 2025।
नगर क्षेत्र में चल रहे सौंदर्यीकरण और सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सख्ती दिखाई है। गुरुनानक चौक से गुड्डूमल चौराहा तक किए जा रहे इंटरलॉकिंग कार्य में अनियमितताएं सामने आने पर डीएम ने तत्काल निर्माण कार्य को तोड़कर दोबारा करवाने और भुगतान में कटौती के निर्देश जारी किए हैं।

जांच में सामने आया सच्चाई का चेहरा

जांच की जिम्मेदारी अपर उप जिलाधिकारी द्वितीय विशाल कुमार को सौंपी गई थी। रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि लगभग 255 मीटर लंबे इंटरलॉकिंग कार्य में बेस लेयर में बालू की अधिकता और ब्रिक बैसाल्ट की कमी पाई गई।

इसके अलावा इंटरलॉकिंग ईंटों की संपीड़न क्षमता मात्र 31.10 न्यूटन/वर्ग मिमी दर्ज की गई, जबकि न्यूनतम मानक 35 न्यूटन/वर्ग मिमी होना चाहिए।

डीएम ने क्या दिए निर्देश?

जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए डीएम ने निम्न आदेश दिए:

डीएम ने यह भी साफ कर दिया कि आगे से कोई भी निर्माण कार्य बिना गुणवत्ता जांच के स्वीकृत नहीं होगा।

जनता को मिली राहत, प्रशासन की सराहना

स्थानीय निवासियों ने डीएम की इस तत्परता की सराहना की है। राजेश वर्मा, स्थानीय दुकानदार ने कहा,

“पिछले हफ्ते ही ईंटें उखड़ने लगी थीं। आज डीएम का फैसला सुनकर भरोसा जगा कि अब सही काम होगा।”

एक अन्य नागरिक अनिता देवी ने कहा कि सरकारी योजनाओं में अगर ऐसे ही पारदर्शिता बनी रही, तो लोगों का विश्वास मजबूत होगा।

आगे की रणनीति

जिलाधिकारी ने भविष्य में निर्माण कार्यों के लिए निम्न गाइडलाइंस तय की हैं:

निष्कर्ष

डीएम नेहा शर्मा द्वारा उठाया गया यह कदम केवल एक सड़क निर्माण का मामला नहीं है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मिसाल है। इससे न केवल जनता को समय पर और गुणवत्ता से युक्त सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को भी सख्त संदेश मिलेगा।


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