रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली।
कहते हैं कि अगर समाज संगठित हो जाए तो कोई भी मजबूर भूखा या बेघर नहीं रह सकता। इसी सोच को हकीकत में बदलते हुए साहू चौपाल परिवार ने एक मिसाल पेश की है। हाल ही में हुई भीषण बारिश के कारण समोधा निवासी गरीब घनश्याम साहू की एक मात्र कच्ची कोठरी आधी रात को भरभराकर गिर गई। यह घटना इतनी गंभीर थी कि पूरे परिवार को अपनी जान का खतरा महसूस हुआ, लेकिन सौभाग्य से हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
घटना की जानकारी मिलते ही साहू चौपाल परिवार सक्रिय हो गया। जिलाध्यक्ष के.के. साहू ने बिना समय गवाए महराजगंज तहसील प्रभारी नीरज साहू को मौके पर भेजा। वहां की पूरी स्थिति का जायजा लेने के बाद यह निर्णय लिया गया कि घनश्याम साहू को नया मकान बनाने में हरसंभव सहायता दी जाएगी।
2000 ईंट का सहयोग, भरोसे के साथ
इसके बाद जिलाध्यक्ष के.के. साहू स्वयं मौके पर पहुंचे। उनके साथ जिलामहासचिव डॉ. संजीव साहू, संरक्षक रामशरण साहू, रामदुलारे साहू, नगर अध्यक्ष अमित साहू, ब्लॉक अध्यक्ष राममोहन साहू सहित संगठन के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। मौके पर साहू चौपाल परिवार ने बड़ा कदम उठाते हुए घनश्याम साहू को पक्का कमरा बनाने के लिए 2000 ईंट का सहयोग दिया।
के.के. साहू ने इस दौरान कहा –
“साहू चौपाल सिर्फ एक संगठन नहीं बल्कि समाज का परिवार है। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी निर्धन व्यक्ति भूखा न सोए और किसी गरीब की छत न टूटे। हम समाज की समस्याओं को अपनी समस्याएं मानकर उनके समाधान के लिए हमेशा तैयार हैं।”
समाज को जोड़ने की पहल
साहू चौपाल के जिलामहासचिव डॉ. संजीव साहू ने कहा कि संगठन केवल जरूरतमंदों की मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को शिक्षित और संगठित करने की दिशा में भी कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा –
“हमारा संगठन बच्चों को Education के प्रति जागरूक करने पर लगातार काम कर रहा है। शिक्षा ही समाज को आगे बढ़ाने का सबसे बड़ा माध्यम है। हमारा सपना है कि समाज का हर बच्चा पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बने।”
सोशल मीडिया पर चर्चा में ‘साहू चौपाल’
आज किसी भी सकारात्मक कार्य की गूंज केवल गांव या जिले तक सीमित नहीं रहती, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Facebook, Instagram और WhatsApp Groups तक पहुंच जाती है। घनश्याम साहू की मदद की यह खबर भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। लोग ‘साहू चौपाल’ के इस कदम की खुलकर सराहना कर रहे हैं।
कई लोगों ने कहा कि –
- ऐसे संगठनों की वजह से ही इंसानियत जिंदा है।
- साहू चौपाल परिवार ने गरीब की मदद कर मिसाल कायम की है।
- अगर हर समाज इस तरह संगठित हो जाए तो कोई भी गरीब मजबूर नहीं रहेगा।
लोगों ने जताया आभार
घनश्याम साहू ने इस मौके पर कहा –
“मेरे पास अपनी टूटी हुई झोपड़ी को बनाने के लिए कोई साधन नहीं था। मुझे लगा कि अब मेरा परिवार खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर होगा। लेकिन साहू चौपाल परिवार मेरे लिए भगवान बनकर आया। मैं दिल से आभारी हूं।”
उनकी पत्नी ने भी संगठन को धन्यवाद देते हुए कहा कि –
“जब अपना कोई सहारा न हो और कोई मदद के लिए हाथ बढ़ाए तो वही हाथ जिंदगी का सहारा बन जाता है।”
समाज के लिए संदेश
साहू चौपाल की यह पहल समाज के लिए प्रेरणा है। यह दर्शाती है कि अगर हर समुदाय अपने लोगों के लिए थोड़ा-थोड़ा योगदान करे तो गरीबी और बेघरपन जैसी समस्याएं काफी हद तक समाप्त हो सकती हैं।
जिलाध्यक्ष के.के. साहू ने आगे कहा कि –
“हमारा संगठन केवल मदद तक सीमित नहीं रहेगा। हम आगे भी समाज को संगठित करने, बच्चों की शिक्षा और युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में कार्य करते रहेंगे।”
निष्कर्ष
यह खबर सिर्फ एक घटना की रिपोर्ट नहीं बल्कि समाज के लिए संदेश है। साहू चौपाल परिवार ने यह साबित किया है कि अगर इरादे मजबूत हों और समाज साथ खड़ा हो तो कोई भी मुश्किल आसान बन सकती है। गरीब घनश्याम साहू की टूटी झोपड़ी भले ही बारिश में ढह गई हो, लेकिन अब उनके सिर पर उम्मीद की नई छत बनने जा रही है।
ऐसे कार्य न केवल इंसानियत को जिंदा रखते हैं बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। यही कारण है कि ‘साहू चौपाल’ की यह खबर हर जगह Trending News बनी हुई है।





