
गन्ना किसानों के साथ हो रही लापरवाही पर जिला प्रशासन सख्त, सहायक चीनी आयुक्त को कारण बताओ नोटिस जारी
रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो, गोंडा
28 मई 2025
गोंडा:
जनपद गोंडा से एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की खबर सामने आई है। जिले की जिला मजिस्ट्रेट श्रीमती नेहा शर्मा ने गन्ना किसानों के हितों की अनदेखी और शासनादेशों की खुली अवहेलना करने के मामले में सहायक चीनी आयुक्त श्री कुशल पाल सिंह को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है। यह कदम गन्ना क्रय प्रणाली (Cane Procurement System) में बढ़ती अव्यवस्थाओं और किसानों को समय पर भुगतान न मिलने की गंभीर शिकायतों के बाद उठाया गया है।
किसानों की शिकायतों पर हुई सख्त कार्रवाई
मालूम हो कि विगत कुछ सप्ताहों से गोंडा जनपद के cane farmers द्वारा लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं कि खाण्डसारी इकाइयों (Khandsari Units) द्वारा गन्ना खरीद में न पारदर्शिता बरती जा रही है, न ही उन्हें ई-ट्रांजेक्शन (Digital Payment) के जरिए समय पर भुगतान मिल रहा है। किसानों को नकद भुगतान का झांसा देकर ठगा जा रहा है, जिससे न केवल शासन की नीतियों का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि कृषक हितों की सीधी उपेक्षा भी हो रही है।
प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी बनी नोटिस की वजह
दरअसल, दिनांक 19 सितंबर 2024 को जिला स्तरीय बैठक में साफ निर्देश दिए गए थे कि:
सभी गन्ना क्रय केंद्रों पर ई-ट्रांजेक्शन प्रणाली लागू की जाए।
निरीक्षण दल का गठन कर समय-समय पर फील्ड विजिट किया जाए।
घटिया गुणवत्ता के गन्ने की खरीद पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इन निर्देशों के अनुपालन में अपेक्षित कार्रवाई न होते देख, जिला प्रशासन ने 26 मई को सहायक आयुक्त से व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण मांगा, परंतु कोई तथ्यात्मक उत्तर प्राप्त नहीं हुआ।
जिला मजिस्ट्रेट का सख्त रुख
डीएम नेहा शर्मा ने अपने निर्देश में लिखा है कि “यह आचरण न केवल शासन के आदेशों की अवहेलना है, बल्कि यह कृषकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन भी है।” उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार की लापरवाही और उत्तरदायित्व से बचाव किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है।
तीन दिवस की समय सीमा
जिलाधिकारी द्वारा जारी नोटिस में श्री कुशल पाल सिंह को तीन दिनों के भीतर संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया है। यदि जवाब असंतोषजनक पाया गया, तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन की संस्तुति तक संभव है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
इस घटनाक्रम के बाद जनपद के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कृषक संगठनों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया है और कहा है कि यदि ऐसे ही सख्त निर्णय समय पर लिए जाते रहे, तो किसानों का विश्वास पुनः शासन-प्रशासन में लौटेगा।
किसान नेता बोले – “हमें न्याय की उम्मीद जगी”
गोंडा के वरिष्ठ किसान नेता रामदयाल सिंह ने कहा, “अब तक किसानों को सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है, लेकिन इस बार जो कार्रवाई हुई है वह मिसाल बनेगी। यदि ई-ट्रांजेक्शन और पारदर्शिता लागू हुई, तो किसानों का शोषण रुकेगा।”
सोशल मीडिया पर भी छाया मामला
#GondaNewsToday, #CaneFarmersJustice, #AssistantSugarCommissionerNotice जैसे हैशटैग ट्विटर और फेसबुक पर ट्रेंड कर रहे हैं। लोग जिला मजिस्ट्रेट की तत्परता की सराहना कर रहे हैं और इसे किसानों के लिए एक बड़ी जीत बता रहे हैं।
पूर्व में भी मिल चुकी हैं शिकायतें
सूत्रों के अनुसार यह पहला मौका नहीं है जब श्री कुशल पाल सिंह पर सवाल उठे हों। इससे पहले भी 2023 में बलरामपुर जनपद में इसी तरह की शिकायतें सामने आई थीं, परंतु उन्हें तब चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। यह नोटिस अब उनके करियर पर भी बड़ा असर डाल सकता है।
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निष्कर्ष:
यह कार्रवाई गोंडा जिले में एक administrative turning point के रूप में देखी जा रही है। अगर सहायक आयुक्त दोषी पाए जाते हैं, तो इससे भविष्य में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए यह एक सख्त संदेश जाएगा कि कृषक हितों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।