रिपोर्टर: संदीप मिश्रा | रायबरेली
रायबरेली जनपद के महाराजगंज कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कपूरपुर गांव में हुए सनसनीखेज हत्या कांड का पुलिस ने सफलतापूर्वक खुलासा कर दिया है। 3 जून को दिनदहाड़े हुई यह वारदात न केवल पुलिस के लिए चुनौती थी, बल्कि पूरे जिले में चर्चा और दहशत का विषय बन गई थी।
इस हत्या को अंजाम इस तरह दिया गया था कि शुरुआती जांच में कोई गवाह, सुराग या साक्ष्य सामने नहीं आ सका। पुलिस के लिए यह एक क्लासिक ब्लाइंड मर्डर केस बन गया था। लेकिन सटीक सूचना, सूझबूझ और टीमवर्क के चलते पुलिस ने मामले को सुलझा लिया और हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया।
हत्या का दिन: जब खेत बना मौत का मैदान
3 जून को तेज बहादुर नामक व्यक्ति, जो कि कपूरपुर गांव का निवासी था, अपने खेत में स्थित ट्यूबवेल पर पिपरमेंट की टंकी की सफाई कर रहा था। इसी दौरान किसी ने पीछे से उसकी गर्दन पर फावड़े से हमला कर दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
इस बर्बर हत्या की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम और फॉरेंसिक यूनिट घटनास्थल पर पहुंची। लेकिन घटनास्थल से कोई भी प्रत्यक्षदर्शी या साफ सुराग नहीं मिलने के कारण यह मामला जटिल हो गया।
जांच में नया मोड़: रिश्तेदार पर पड़ा शक
मामले की गंभीरता को देखते हुए रायबरेली पुलिस अधीक्षक द्वारा एक विशेष जांच दल गठित किया गया। जांच के दौरान पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली कि तेज बहादुर के ही एक दूर के रिश्तेदार राम मनोहर की गतिविधियां संदिग्ध हैं।
पुलिस टीम ने राम मनोहर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। शुरू में वह बयान बदलता रहा, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने पूरा घटनाक्रम स्वीकार कर लिया।
हत्यारे का कबूलनामा: एक अफवाह ने ली जान
राम मनोहर ने बताया कि 18 अप्रैल को उसकी बेटी की शादी थी। इस दौरान तेज बहादुर ने लड़की के ससुराल पक्ष को यह झूठी सूचना दी थी कि उनके घर में किसी ने जहर खा लिया है। इस अफवाह के कारण शादी टूटने की नौबत आ गई थी। हालांकि, बाद में परिजनों ने किसी तरह मामला संभालते हुए शादी करा दी।
इस घटना से राम मनोहर के मन में तेज बहादुर के प्रति गहरी नफरत भर गई थी। उसने तभी से बदला लेने की योजना बनानी शुरू कर दी। 3 जून को जैसे ही उसे अकेले का मौका मिला, वह ट्यूबवेल पर पहुंचा और तेज बहादुर पर पीछे से वार कर उसकी हत्या कर दी।
सबूत और हथियार की बरामदगी
राम मनोहर की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त फावड़ा बरामद किया है, जिसे घटना के बाद उसने खेत की मेड़ में छुपा दिया था। फॉरेंसिक जांच में भी यह स्पष्ट हुआ कि तेज बहादुर की मौत गर्दन पर गहरे वार से हुई थी।
इसके साथ ही पुलिस ने राम मनोहर के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।
पुलिस की सक्रियता और जनता की सराहना
इस घटना के खुलासे के बाद गांव और आसपास के इलाके में पुलिस की सराहना की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस सचेत न होती तो शायद आरोपी खुलेआम घूमता रहता और किसी और अनहोनी को अंजाम दे सकता था।
रायबरेली पुलिस अधीक्षक ने भी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस केस को सुलझाने में पूरी पुलिस टीम ने तत्परता और बुद्धिमत्ता का परिचय दिया है।
जनता में मिश्रित प्रतिक्रिया: रिश्ते पर सवाल
जहां एक तरफ इस केस के खुलासे से लोगों ने राहत की सांस ली है, वहीं दूसरी ओर यह घटना समाज के सामने कई सवाल भी छोड़ गई है। एक रिश्तेदार ने सिर्फ पुरानी रंजिश और अफवाह के आधार पर ऐसी भयानक साजिश रच डाली, जिससे यह साफ हो जाता है कि आज के समय में भरोसे और रिश्ते दोनों ही कमजोर पड़ गए हैं।
गांव के बुजुर्गों ने कहा कि आपसी गलतफहमी और संवाद की कमी ही आजकल अपराध की बड़ी वजह बनती जा रही है।
निष्कर्ष: एक अफवाह की कीमत बनी जान
कपूरपुर गांव में हुए इस हत्याकांड ने यह स्पष्ट कर दिया कि झूठ और बदले की भावना किस हद तक एक सामान्य इंसान को अपराधी बना सकती है। पुलिस की मुस्तैदी और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से इस अंधेरे में छिपे हत्यारे को बेनकाब कर दिया गया।
यह मामला समाज को यह सीख देता है कि हर मामले में संवाद, सहनशीलता और कानूनी प्रक्रिया का पालन ही सबसे अच्छा उपाय है, न कि बदले की भावना से किसी की जान लेना।





