रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
गोंडा/तरबगंज।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन ने राहत चौकियां स्थापित की हैं ताकि लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं और जरूरी सुविधाएं समय पर मिल सकें। इसी क्रम में तरबगंज तहसीलदार आशुतोष पाण्डेय ने बाढ़ राहत चौकी का औचक निरीक्षण (Flood Relief Camp Inspection) किया। निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि स्वास्थ्य टीम ने अब तक केवल छह लोगों का ही उपचार किया है। वहीं, ग्रामीणों को पीने का पानी सुरक्षित बनाने के लिए क्लोरीन की गोलियां (Chlorine Tablets) वितरित की गईं और साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया गया।
निरीक्षण में यह भी पाया गया कि कई कर्मचारी अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित थे। इस पर तहसीलदार ने नाराज़गी जताई और संबंधित कर्मचारियों से जवाब-तलब (Show Cause Notice) करने का निर्देश दिया।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी शिकायत की कि स्वास्थ्य टीम की सक्रियता पर्याप्त नहीं है और दवाओं की कमी बनी हुई है। बाढ़ के दौरान जलजनित बीमारियां (Water Borne Diseases) जैसे दस्त, टाइफाइड और मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं का सतर्क रहना बेहद आवश्यक है।
तहसीलदार आशुतोष पाण्डेय ने कहा कि राहत चौकियों की लगातार Monitoring की जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। प्रशासन का दावा है कि पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाएगी और दोषी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।







