
रिपोर्ट: संदीप मिश्रा, रायबरेली, कड़क टाइम्स
रायबरेली।
दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में शामिल करने और उनके समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अमावा ब्लॉक कार्यालय परिसर में एक विशेष चिन्हांकन एवं मूल्यांकन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का संचालन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, रायबरेली द्वारा किया गया, जिसमें अलग-अलग प्रकार की दिव्यांगताओं से ग्रसित बच्चों को यूडीआईडी कार्ड (Unique Disability ID) बनवाने और आवश्यक सहायक उपकरण प्राप्त करने की प्रक्रिया में मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
शिविर में बड़ी संख्या में दिव्यांग बच्चों और उनके परिजनों ने भाग लिया। इनमें दृष्टिबाधित, मूक-बधिर, अस्थिविकृत, प्रमस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral Palsy) जैसे कई प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहे बालक शामिल थे। सभी प्रतिभागियों का डॉक्टरी मूल्यांकन, दस्तावेजी प्रक्रिया और उपकरण की आवश्यकता के अनुसार माप लिया गया।
प्रशासन और शिक्षकों की साझा भूमिका
शिविर का नेतृत्व खंड विकास अधिकारी अमावा के निर्देशन में हुआ, जबकि व्यवस्थाओं को एडीओ शिवांशु सिंह ने प्रभावशाली तरीके से संभाला। इस पूरे आयोजन में ब्लॉक के विशेष शिक्षक अभय प्रकाश श्रीवास्तव और मीना वर्मा ने न केवल बच्चों की प्रतिभागिता सुनिश्चित की बल्कि कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
अभय प्रकाश श्रीवास्तव ने शिविर में आए बच्चों का एसेसमेंट (Assessment) करने के साथ-साथ उनके अभिभावकों को सरकारी योजनाओं और लाभों की समझ व जागरूकता प्रदान की।
मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन भी शामिल
कार्यक्रम में साइकोलॉजिस्ट कल्पना श्रीवास्तव द्वारा बच्चों की मानसिक स्थिति, सामाजिक व्यवहार और विशेष आवश्यकताओं का मूल्यांकन किया गया। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि सभी लाभार्थियों को उनकी ज़रूरत के अनुसार ही सहायता प्रदान की जाए।
उपकरणों और कार्ड हेतु चिन्हांकन का विवरण
इस विशेष शिविर में कुल 33 दिव्यांग बच्चों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इनमें से:
- 23 बच्चों को UDID कार्ड बनवाने हेतु डॉक्युमेंटेशन व मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
- 7 बच्चों को ट्राई साइकिल के लिए योग्य माना गया।
- 2 बच्चों को व्हीलचेयर की आवश्यकता के अनुसार चिन्हित किया गया।
- 1 दिव्यांग बच्चे को आधार कार्ड पंजीकरण में मदद दी गई।
इसके अलावा कुछ बच्चों के लिए ब्रेल किट, कान की मशीन, सी.पी. चेयर, कैलीपर आदि सहायक उपकरणों की आवश्यकता की जांच कर उनके लिए माप लिया गया।
शिविर में विभागीय उपस्थिति
कार्यक्रम में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग से श्री जावेद बाबू एवं श्री नारायण दीक्षित मौजूद रहे। दोनों अधिकारियों ने शिविर में की जा रही गतिविधियों की निगरानी की और प्रतिभागियों की जरूरतों को समझने में सहायता की।
समाज के लिए संदेश
इस शिविर ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि शासन और प्रशासन मिलकर अगर कार्य करें, तो दिव्यांगजनों के जीवन में बदलाव लाना संभव है। ये प्रयास न केवल सहायक उपकरणों के वितरण तक सीमित हैं, बल्कि यह दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
अभिभावकों और बच्चों ने शिविर में मिले सहयोग और मार्गदर्शन के लिए विभागीय अधिकारियों, शिक्षकों और स्थानीय प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन बार-बार होने चाहिए जिससे सभी जरूरतमंदों तक मदद पहुंचे।