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ट्रेन से कटकर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की दर्दनाक मौत

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ट्रेन से कटकर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की दर्दनाक मौत, पुलिस ने शव को कब्जे में लिया

रिपोर्टर: आशीष श्रीवास्तव, नवाबगंज, गोंडा

गोंडा जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पार्वती से एक अत्यंत दुखद हादसे की जानकारी सामने आई है। सोमवार देर रात, करीब 11:56 बजे एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की ट्रेन की चपेट में आने से मौके पर ही मृत्यु हो गई। मृतक की पहचान शिवशरण पुत्र अभिमन्यु प्रजापति, उम्र लगभग 40 वर्ष, निवासी ग्राम पार्वती के रूप में हुई है।

घटना कैसे हुई? | Train Accident in Gonda

स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, शिवशरण रात के समय गांव के सामने स्थित रेलवे लाइन के पास घूम रहे थे। इसी दौरान मनकापुर की दिशा से आ रही एक तेज रफ्तार ट्रेन उन्हें देख नहीं सकी और वह उसकी चपेट में आ गए। ट्रेन की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। उनके शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आईं और वह रेलवे ट्रैक पर कटे हुए हालत में मिले।

सूचना मिलते ही सक्रिय हुई पुलिस | Nawabganj Police Action

जैसे ही घटना की सूचना स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस को दी गई, थाना नवाबगंज की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी। पंचनामा तैयार किया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल | Emotional Scene at the Spot

शिवशरण के निधन की खबर मिलते ही उनके परिवारजन मौके पर पहुँच गए। उनका दुख देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। गांव में मातम का माहौल छा गया है। बताया जाता है कि शिवशरण काफी समय से मानसिक तनाव से गुजर रहे थे और उनकी देखभाल सीमित संसाधनों में की जा रही थी।

पुलिस की स्थिति रिपोर्ट | Law & Order Under Control

नवाबगंज थाना प्रभारी ने बताया कि मौके पर स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है और परिजन भी सहयोग कर रहे हैं। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को भी सामान्य बनाए रखा है।

समाज में मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के लिए अलार्म | Social Concern Raised

इस तरह की घटनाएं न केवल दुखद होती हैं, बल्कि यह समाज के लिए चेतावनी भी हैं कि मानसिक रूप से पीड़ित लोगों की समय पर पहचान और देखभाल की जाए। ऐसे लोगों के लिए कोई सरकारी या सामाजिक सुरक्षा तंत्र हो जिससे उन्हें भटकने से बचाया जा सके।

स्थानीय समाजसेवियों की अपील | Need for Mental Health Support

घटना के बाद गांव के कई लोगों और समाजसेवियों ने प्रशासन से मांग की है कि मानसिक रोगियों की पहचान कर उन्हें चिकित्सा व आश्रय दिलाया जाए। यह घटना बताती है कि जागरूकता और सरकारी हस्तक्षेप न होने पर ऐसी जानें यूँ ही चली जाती हैं।

निष्कर्ष | Lesson for the Society

शिवशरण की मौत ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को कैसे देखते हैं। यह सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि सिस्टम की कमजोरी का आईना भी है। इस दुखद घटना से सीख लेकर प्रशासन और समाज को मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है।


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