
रिपोर्ट: सुरेंद्र शर्मा, कड़कटाइम्स
गोंडा, उत्तर प्रदेश – भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गोंडा जिले के जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह निर्णय उस समय लिया गया जब सोशल मीडिया पर पार्टी कार्यालय में एक महिला के साथ उनका वीडियो तेजी से वायरल हुआ। पार्टी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच की, नोटिस जारी किया, और जवाब असंतोषजनक पाए जाने के बाद यह कड़ी कार्रवाई की।
वायरल वीडियो से मचा राजनीतिक भूचाल
घटना का मुख्य केंद्र बना वह वीडियो जो 12 अप्रैल 2025 का बताया जा रहा है। इस वीडियो में अमर किशोर कश्यप एक चार पहिया वाहन से उतरते हुए नजर आते हैं, जिसके बाद वही वाहन से एक महिला बाहर निकलती है। वीडियो में यह भी देखा गया कि महिला को वह पार्टी कार्यालय के अंदर ले जाने का इशारा करते हैं। दूसरे क्लिप में दोनों को सीढ़ियों के पास आपसी नजदीकी में देखा गया, जिससे यह मामला तूल पकड़ गया।
भाजपा की अनुशासनात्मक कार्रवाई
वीडियो के वायरल होने के तुरंत बाद भाजपा ने इसे संगठन की छवि के लिए हानिकारक (damaging) माना और प्रदेश नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस भेजा। पार्टी ने जवाब तलब किया लेकिन अमर किशोर का उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया।
11 जून को भाजपा उत्तर प्रदेश इकाई ने एक पत्र जारी कर उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। पत्र में स्पष्ट लिखा गया कि उनका आचरण पार्टी की गरिमा और नीति के विपरीत है।
अमर किशोर की सफाई
अपने ऊपर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अमर किशोर कश्यप ने कहा कि “वह महिला पार्टी की सक्रिय सदस्य हैं। उन्हें चक्कर आया था, इसलिए मैंने सहारा दिया। कुछ विरोधी राजनीतिक फायदे के लिए वीडियो को तोड़-मरोड़ कर वायरल कर रहे हैं।”
हालांकि, यह सफाई सोशल मीडिया और पार्टी के भीतर ज्यादा लोगों को संतोषजनक नहीं लगी। कई नेताओं ने इसे संगठन की छवि को धूमिल करने वाला कृत्य बताया।
सोशल मीडिया पर उबाल
जैसे ही वीडियो सामने आया, सोशल मीडिया पर #BJPControversy, #GondaBJPScandal, #ViralVideoBJPLeader, और #AmarKishorKashyap जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लाखों लोगों ने इस वीडियो को देखा और प्रतिक्रिया दी।
राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए भाजपा पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता ने बयान दिया कि “बीजेपी अपने नेताओं को नैतिकता का पाठ पढ़ाती है, लेकिन खुद उनके लोग उसी को तोड़ते हैं।” समाजवादी पार्टी ने भी इसे भाजपा के दोहरे चरित्र का उदाहरण बताया।
पार्टी की रणनीतिक साख पर सवाल
यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब भाजपा उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों की तैयारियों में जुटी है। गोंडा जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील जिले में पार्टी के इस प्रकार के घटनाक्रम से उसकी विश्वसनीयता और जन समर्थन पर प्रभाव पड़ सकता है।
गोंडा जिले में भाजपा का प्रभाव पहले से मजबूत माना जाता रहा है, लेकिन अब इस विवाद के बाद स्थिति बदल सकती है। पार्टी अब जिले में नए चेहरे की तलाश में है, जो छवि सुधार सके और संगठन को फिर से सक्रिय कर सके।
आगे की रणनीति
सूत्रों के अनुसार, भाजपा जल्दी ही गोंडा जिले के लिए नया जिलाध्यक्ष नियुक्त कर सकती है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व किसी निष्कलंक छवि वाले, ईमानदार और जनता से जुड़े नेता को कमान सौंपने पर विचार कर रही है। संभावित नामों में वरिष्ठ कार्यकर्ता और महिला मोर्चा के कुछ नेता चर्चा में हैं।
निष्कर्ष
BJP Gonda Viral Video Case ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि डिजिटल युग में नेताओं को हर समय सतर्क रहना होगा। अब हर घटना कैमरे में कैद हो सकती है और सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो सकती है।
भाजपा की इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि पार्टी अनुशासन के मामले में कोई समझौता नहीं करती। चाहे पद कितना भी बड़ा हो, अगर संगठन की मर्यादा भंग होती है, तो कार्रवाई तय है।
यह घटनाक्रम आगामी चुनावों से पहले पार्टी के लिए एक सीख और जनता के लिए एक संदेश दोनों है – राजनीति में नैतिकता की अनदेखी नहीं की जा सकती।