ऊंचाहार की बेटी साक्षी मिश्रा ने रचा इतिहास, IIT में चयन पर क्षेत्र में खुशी की लहर

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IIT में चयन पर क्षेत्र में खुशी की लहर

✍️ रिपोर्टर: संदीप मिश्रा , रायबरेली

ऊंचाहार, रायबरेली।
शहर की एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली बेटी ने असाधारण सफलता हासिल कर ऊंचाहार और रायबरेली जिले को गर्व महसूस कराया है। खत्री टोला निवासी साक्षी मिश्रा ने IIT (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) की कठिन प्रतियोगी परीक्षा पास कर वैज्ञानिक पद पर चयन पाया है, जिससे पूरे नगर और जनपद में उत्साह का माहौल है।

बेटी की सफलता पर बीजेपी नेता ने किया सम्मानित

साक्षी की इस उपलब्धि पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ओबीसी मोर्चा के प्रांतीय मंत्री अभिलाष कौशल गुरुवार को उनके आवास पहुंचे और उन्हें अंग वस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंट कर उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि बेटियां आज हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ रही हैं।

“साक्षी की सफलता पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणास्त्रोत है। अगर बेटियों को सही मार्गदर्शन और अवसर मिले, तो वे असंभव को भी संभव कर सकती हैं,” — अभिलाष कौशल, BJP नेता

साधारण परिवार, असाधारण हौसला

साक्षी के पिता रिटायर्ड सूबेदार मेजर रितेश मिश्रा हैं और मां मनोरमा मिश्रा एक गृहिणी हैं। साक्षी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ऊंचाहार के एक निजी स्कूल से ली। आगे की पढ़ाई रायबरेली के प्रतिष्ठित स्कूलों और फिर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएससी व एमएससी के रूप में पूरी की।

IIT-JAM और GATE में शानदार प्रदर्शन

साक्षी ने IIT JAM और GATE जैसी कठिन परीक्षाएं सफलतापूर्वक पास कीं और देश के सात प्रमुख संस्थानों में उनका चयन हुआ। इनमें IIT मुंबई, IISC बेंगलुरु, IIT खड़गपुर (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं। उन्होंने अपनी पसंद के अनुसार एक वैज्ञानिक संस्थान में कार्य करने का फैसला लिया।

बेटियों को मिले सपोर्ट तो वे रच सकती हैं इतिहास

सम्मान समारोह के दौरान अभिलाष कौशल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें उचित प्लेटफॉर्म की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि वे साक्षी के भविष्य में हर संभव मदद के लिए उपलब्ध रहेंगे।

क्षेत्र में हर्ष का वातावरण, बधाइयों का तांता

साक्षी की कामयाबी पर स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बधाई देने वालों में पंचायत सदस्य गुड्डन यादव, जगतपाल पासी, मोनू कौशल, विजयपाल, संदीप पटेल, अमरेश यादव सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

साक्षी की मेहनत और अनुशासन बना प्रेरणा

साक्षी का कहना है कि उन्होंने रोजाना एक तय समय पर पढ़ाई की, distractions से दूर रहीं और इंटरनेट का प्रयोग केवल ज्ञानवर्धन के लिए किया। उनका मानना है कि पढ़ाई को बोझ नहीं, बल्कि एक responsibility मानकर किया जाए तो सफलता निश्चित होती है।

भविष्य की योजना: रिसर्च में करियर और समाजसेवा का लक्ष्य

साक्षी का उद्देश्य है कि वह विज्ञान के क्षेत्र में कुछ ऐसा काम करें, जिससे देश को तकनीकी और सामाजिक रूप से लाभ मिले। साथ ही, वह भविष्य में ग्रामीण क्षेत्र की अन्य बेटियों को भी मार्गदर्शन देना चाहती हैं।

समाज और सरकार से अपील

साक्षी के पिता ने सरकार से अपील की कि ऐसी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष स्कॉलरशिप और मेंटरशिप प्रोग्राम चलाए जाएं। वहीं, समाज से भी बेटियों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है, जिससे वे बिना किसी डर के आगे बढ़ सकें।


निष्कर्ष

साक्षी मिश्रा की सफलता केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए सीख है कि संसाधन सीमित हो सकते हैं, लेकिन सपने और मेहनत की कोई सीमा नहीं होती। ऊंचाहार की यह बेटी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।


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