ग्राम चौपाल 3.0: प्रशासन गांव की चौखट तक पहुँचा, मौके पर ही की गई समस्याओं का समाधान

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ग्राम चौपाल 3.0: प्रशासन गांव की चौखट तक पहुँचा, मौके पर ही की गई समस्याओं का समाधान

रिपोर्टर – आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश, गोंडा
तारीख – 3 जून 2025

गोंडा जिले में प्रशासन अब दफ्तरों में बैठकर नहीं, सीधे गांव की गलियों में जाकर लोगों की समस्याएं सुन और हल कर रहा है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पहल पर शुरू हुए ग्राम चौपाल 3.0 कार्यक्रम के तहत मंगलवार को जिले की कई ग्राम पंचायतों में चौपाल लगाकर समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया गया। यह पहल प्रशासनिक दृष्टिकोण में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव है, जो फाइलों से बाहर आकर फील्ड में काम करने की नई मिसाल पेश कर रही है।

शिकायतें दर्ज नहीं, समाधान सुनिश्चित

ग्राम चौपाल 3.0 की शुरुआत एक रणनीतिक योजना के तहत की गई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर IGRS पोर्टल, समाधान दिवस, जनता दर्शन और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की गहन समीक्षा की गई। जहां से बार-बार समस्याएं सामने आ रही थीं, उन ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता पर रखा गया। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करें।

पहली चौपाल: झंझरी, रूपईडीह और पण्डरीकृपाल ब्लॉक में आयोजन

मंगलवार को जिलाधिकारी ने विकासखंड झंझरी, रूपईडीह और पण्डरीकृपाल की पाँच ग्राम पंचायतों — पथवलिया पिपरा पदुम, उमरा, पुरैनिया और दत्तनगर विशेन में चौपाल आयोजित की। यहां ग्रामीणों से सीधा संवाद कर सड़क, बिजली, राशन, शौचालय, नाली, पेंशन और अविवादित विरासत जैसे मुद्दों पर जानकारी ली गई। संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करें और जनहित की समस्याओं का समाधान मौके पर ही सुनिश्चित करें।

तुरंत कार्रवाई और सख्त चेतावनी

उमरा गांव में जब यह जानकारी मिली कि सरकारी भूमि पर अवैध शौचालय बनाए गए हैं, तो जिलाधिकारी ने संबंधित नायब तहसीलदार को तत्काल स्थल पर जाकर निर्माण हटवाने का आदेश दिया।
पुरैनिया गांव में वर्षों से लंबित नाली निर्माण को लेकर दोनों पक्षों में चल रहे विवाद को मौके पर ही सुलझाया गया।
वहीं, बिजली आपूर्ति से संबंधित शिकायत पर, जिसमें बताया गया कि गांव में प्रतिदिन केवल 4 से 5 घंटे बिजली आती है, जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग को सख्त चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया कि यदि तत्काल सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

समाधान की गुणवत्ता पर विशेष जोर

ग्राम चौपाल 3.0 केवल एक मंच नहीं, बल्कि एक प्रणाली है जिसमें शिकायत का स्थायी और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। जिलाधिकारी स्वयं यह सुनिश्चित कर रही हैं कि जो समाधान दिए गए हैं, वे दीर्घकालिक हों और वास्तविक लाभ पहुंचाने वाले हों। केवल जवाब देने की औपचारिकता नहीं, बल्कि ठोस कार्यवाही हो — यही इस पहल की विशेषता है।

प्रशासनिक अधिकारियों की पूर्ण भागीदारी

चौपाल के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश, परियोजना निदेशक चंद्रशेखर, जिला विकास अधिकारी सुशील कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी सहित सभी संबंधित ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारी, लेखपाल, ग्राम सचिव और ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।

इन अधिकारियों ने मौके पर ही ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और तत्काल समाधान की दिशा में कदम उठाए।

सोशल मीडिया पर चौपाल की सकारात्मक प्रतिक्रिया

ग्राम चौपाल 3.0 को लेकर सोशल मीडिया पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली है। लोग प्रशासन की इस पहल की सराहना कर रहे हैं और इसे एक प्रभावी बदलाव के रूप में देख रहे हैं। विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर हैशटैग जैसे #GramChaupal3_0, #UPGovernance, #GroundLevelDevelopment और #SmartAdministration के साथ लोग इस प्रयास को साझा कर रहे हैं।

निष्कर्ष: प्रशासनिक सोच में बदलाव की नई शुरुआत

ग्राम चौपाल 3.0 के माध्यम से गोंडा जिला प्रशासन ने यह दिखा दिया है कि यदि इच्छा हो तो प्रशासन गांव-गांव तक पहुंच सकता है और लोगों की वास्तविक समस्याओं को बिना देरी के हल कर सकता है। यह पहल शासन की नई कार्यशैली का प्रतीक है जिसमें संवाद, समाधान और संवेदनशीलता तीनों को प्राथमिकता दी गई है।

यह कार्यक्रम आने वाले समय में गांवों के लिए एक मजबूत, जवाबदेह और पारदर्शी शासन प्रणाली की नींव रखेगा।


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