
चकमार्ग की पैमाइश करने पहुंची राजस्व टीम पर हुआ हमला, पुलिस और टीम को जान बचाकर भागना पड़ा
रिपोर्टर: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ, नवाबगंज (गोंडा)
गोंडा जनपद के नवाबगंज थाना क्षेत्र के इस्माइलगंज गांव में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब राजस्व विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। ये टीम गांव के चकमार्ग की पैमाइश करने पहुंची थी। हमलावरों ने न केवल टीम को धमकाया, बल्कि पथराव और मारपीट तक कर डाली, जिससे मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और राजस्व कर्मियों को जान बचाने के लिए भागना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, हालांकि प्रशासन की ओर से अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
क्या है मामला?
बताया जा रहा है कि इस्माइलगंज गांव की ग्राम प्रधान सीता देवी ने 17 मई को संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी को एक आवेदन पत्र सौंपा था। इसमें उन्होंने चकमार्ग पर हुए अवैध कब्जे को हटवाने की मांग की थी। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में नायब तहसीलदार संतोष यादव के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम शनिवार को गांव पहुंची।
टीम में कानूनगो परशुराम मिश्रा, लेखपाल ओमप्रकाश वर्मा, अवधेश दुबे, मनोज चौबे और पुलिस चौकी सरयू घाट के इंचार्ज संजीव सिंह समेत पुलिस बल मौजूद था। ये सभी चकमार्ग गाटा संख्या 419 की पैमाइश और चिन्हांकन के लिए गांव पहुंचे थे।
हमले की पूरी कहानी
जैसे ही पैमाइश पूरी कर मजदूरों ने पटाई का कार्य शुरू किया, वैसे ही गांव के कुछ लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। आरोप है कि शेष कुमार, संजय (पुत्र रामवंत), हीरालाल (पुत्र रामसरबे), पुष्पा (पत्नी रामवंत), फूलमता (पत्नी शेष कुमार) और कुछ अन्य लोगों ने मिलकर पहले गाली-गलौज की, फिर चिन्हांकन मिटा दिया और देखते ही देखते लाठी-डंडों व पत्थरों से हमला कर दिया।
मौके की स्थिति बेकाबू होते देख पुलिस और राजस्व टीम के सदस्य पीछे हटने को मजबूर हो गए। इस हमले में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के सहयोगी अभय सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया।
FIR दर्ज, जांच शुरू
घटना की सूचना मिलते ही नवाबगंज थाने में पीड़ित पक्ष की ओर से तहरीर दी गई। प्रभारी निरीक्षक विश्वास चतुर्वेदी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। जांच प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया में मतभेद
इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि एसडीएम तरबगंज राजीव मोहन सक्सेना ने राजस्व टीम पर हमले की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने इसे दो पक्षों के बीच का आपसी विवाद बताया है और इसे सरकारी काम में बाधा के रूप में देखने से इनकार किया है। उनके बयान ने प्रशासनिक एकरूपता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ Video
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग हाथ में डंडे लिए मारपीट करते नजर आ रहे हैं। हालांकि प्रशासन ने इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की है, लेकिन गांव में चर्चा का माहौल गर्म है। ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश दोनों ही व्याप्त हैं।
चकमार्ग पर बढ़ते कब्जे – शासन के लिए चिंता
चकमार्ग ऐसी सार्वजनिक भूमि होती है जिसका उपयोग ग्रामीण रास्तों के रूप में किया जाता है। इन पर अवैध कब्जे न सिर्फ गांव के विकास में बाधा हैं, बल्कि प्रशासन की साख को भी प्रभावित करते हैं। ऐसी घटनाएं शासन की “भूमि सुधार नीति” और “अवैध कब्जा हटाओ अभियान” के लिए एक बड़ी चुनौती हैं।
निष्कर्ष
इस्माइलगंज गांव की घटना न केवल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रहे अराजकता के संकेत भी देती है। यदि समय रहते इस प्रकार के मामलों में सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई, तो कानून व्यवस्था पर से लोगों का भरोसा उठ सकता है। वायरल वीडियो और चश्मदीदों के बयान प्रशासन से पारदर्शी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
आवश्यक है कि जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और संबंधित विभाग एक साथ मिलकर न केवल दोषियों को सजा दें, बल्कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस रणनीति भी बनाएं।