
गोंडा में गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष श्री रमाकांत का दौरा: गौ संरक्षण पर अधिकारियों संग बैठक
रिपोर्टर: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो गोंडा
गोंडा, 28 मई 2025:
उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के माननीय सदस्य एवं उपाध्यक्ष श्री रमाकांत आज जनपद गोंडा के भ्रमण पर पहुंचे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, दोपहर करीब 1:30 बजे उन्होंने सर्किट हाउस, गोंडा में प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा की।
प्रेस वार्ता में श्री रमाकांत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार उत्तर प्रदेश को ‘गौ संरक्षित प्रदेश’ के रूप में विकसित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि गोवंश के संरक्षण, संवर्धन और पुनर्वास को लेकर आयोग की ओर से समय-समय पर जनपदों में निरीक्षण एवं समीक्षा की जाती है। इस कड़ी में गोंडा दौरा भी उसी दिशा में एक अहम प्रयास है।
उपाध्यक्ष श्री रमाकांत ने कहा कि “गौ माता हमारी संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली का अहम हिस्सा हैं। उनकी सेवा केवल धार्मिक आस्था का विषय नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। सरकार की मंशा है कि कोई भी गोवंश सड़कों पर आवारा न दिखे और सभी गोवंश को संरक्षित आश्रय स्थल मिलें।”
प्रेस वार्ता के बाद श्री रमाकांत ने जनपद गोंडा के गो संरक्षण एवं अनुश्रवण समिति के अधिकारियों और पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक गोवंश संरक्षण, गौशालाओं की वर्तमान स्थिति, चारे-पानी की उपलब्धता, पशु चिकित्सा सेवाएं, और विभिन्न विभागों के समन्वय पर केंद्रित रही।
बैठक में जिलाधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, जिला पंचायत सदस्यगण, नगर निकायों के प्रतिनिधि, पशुपालन विभाग के अधिकारी एवं प्रमुख सामाजिक संगठनों से जुड़े गौ सेवकों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान श्री रमाकांत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे क्षेत्र की सभी गौशालाओं का भौतिक निरीक्षण करें और हर गौशाला में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन की मंशा है कि हर गोवंश को सुरक्षित, स्वच्छ और सम्मानजनक जीवन मिले।
इस अवसर पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए श्री रमाकांत ने बताया कि बहुत जल्द गोंडा जनपद में एक मॉडल गौशाला की स्थापना की योजना पर कार्य प्रारंभ किया जाएगा, जो अन्य जनपदों के लिए उदाहरण बनेगी।
निष्कर्ष:
गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष का यह दौरा न सिर्फ प्रशासनिक जागरूकता बढ़ाने वाला रहा, बल्कि इसमें यह भी स्पष्ट हुआ कि प्रदेश सरकार गौ सेवा को लेकर गंभीर है और इसमें किसी भी स्तर पर कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी।