दिनांक: 10 अक्टूबर 2025
रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली में करवा चौथ का पर्व इस बार पूरे उत्साह और परंपरा के साथ मनाया गया। शहर की गलियों और बाजारों में दिनभर चहल-पहल बनी रही। महिलाओं ने अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखा और शाम को चांद निकलने का इंतजार करती रहीं। बाजारों में सुबह से ही भीड़ देखी गई — कहीं गहनों की खरीदारी हो रही थी तो कहीं महिलाएं साड़ियों और श्रृंगार का सामान चुन रही थीं।
कटरा बाजार, चौक, डिग्री कॉलेज रोड और सिविल लाइन जैसे क्षेत्रों में दिनभर रौनक रही। हर दुकान सजी हुई थी और हवा में मेहंदी की महक तैर रही थी। मेहंदी के कलाकारों के पास महिलाओं की लंबी लाइनें लगी थीं। किसी ने अपने हाथों पर “करवा चौथ” लिखा, तो किसी ने चांद, छलनी और पति-पत्नी के डिजाइन बनवाए। इस बार की मेहंदी डिजाइनों में “करवा चौथ 2025” और “लव यू हसबैंड” जैसे क्रिएटिव पैटर्न भी खूब पसंद किए गए।
शहर की महिलाओं ने इस बार पारंपरिक श्रृंगार के साथ थोड़ा आधुनिक स्पर्श भी जोड़ा। पार्लरों में ग्लिटर मेकअप, स्टोन बिंदी और हैंड आर्ट मेहंदी का ट्रेंड छाया रहा। रेड, मरून और गोल्डन रंग की साड़ियों ने बाजार में सबसे ज्यादा बिक्री दर्ज की। ज्वेलरी की दुकानों पर कृत्रिम गहनों की खरीदारी दिनभर चलती रही।
महिलाओं ने बताया कि करवा चौथ उनके लिए सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। निवासी रेखा सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा, “जब तक चांद नहीं निकला, तब तक आंखें आसमान पर टिकी रहीं। यह इंतजार ही इस पर्व की असली खूबसूरती है।” कई नवविवाहित महिलाओं ने पहली बार व्रत रखा और पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी नजर आईं। 
शाम होते ही जब आसमान में चांद की पहली झलक दिखाई दी, तो महिलाओं ने छलनी से अपने पति का चेहरा देखा और व्रत खोला।
पूजा-अर्चना के बाद मिठाइयाँ बांटी गईं और परिवारों में खुशियों का माहौल बन गया। घरों और छतों पर दीपों की रोशनी झिलमिला उठी, जिससे पूरा शहर आस्था और प्रेम के रंग में रंग गया।





